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हीरे के लिए बकस्वाहा जंगल की प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना अनुचित है (शादाब खान)

छतरपुर जिले के बक्सवाहा जंगल में देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार मिला है यहां की जमीन में 3.42 करोड़ कैरेट के हीरे दबे होने के अनुमान हैं जिसके लिए 2 लाख 15 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटे जाने का अनुमान है कांग्रेस आईटी विभाग के गुन्नोर विधानसभा के समनव्यक् श्री शादाब खान जी ने कहा कि बकस्वाहा के जंगल के पेड़ों के कटने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा इसकी वजह से जैव विविधता की स्थिति लगातार खराब होगी. दुर्लभ जीव-जन्तु विलुप्ति के कगार पर पहुंच सकते हैं। लिहाजा, पर्यावरण को सहेजने के लिए वृक्षों को बचाना होगा। विकास की बयार में औद्योगिकरण तेजी से बढ़ रहा है। उद्योगों का बढ़ता यही दायरा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। दरअसल, वृक्षों के काटने से सीधे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिसका सीधा असर मौसम पर दिखाई दे रहा है।यदि पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुए तो परिणाम और भी भयावाह होंगे.समाज के हर व्यक्ति को वृक्षों को काटने से बचना होगा। साथ ही पौधारोपण के प्रति ध्यान देना होगा. साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है की जनता बिना हीरे के रह सकती है लेकिन प्रकृति से मिलने वाली ऑक्सिजन के बिना नही रह सकती ये जंगल हमारा धरोहर है इसे बचाना हमारा कर्तव्य है

रिपोर्ट-वीरेंद्र रैकवार छतरपुर

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