बेहतर पुलिसिंग कर मध्यप्रदेश की तरक्की में सहभागी बनें- श्री मिश्रा
स्वाभिमान से ऊँचा मस्तक, अनुशासित कदम, अदम्य साहस से भरा सीना और देशभक्ति के जज्बे के साथ जब आर्कषक दीक्षांत परेड आगे बढ़ी तो सभी रोमांचित हो गए। मौका था मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी के परेड मैदान में मध्यप्रदेश पुलिस के 42 वे बैच के उप पुलिस अधीक्षकों एवं 91 ए बैच के उप निरीक्षकों के भव्य दीक्षांत समारोह का। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत परेड की सलामी ली और खुली जिप्सी में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीमती अनुराधा शंकर की मौजूदगी में आयोजित हुए दीक्षांत परेड समारोह के बाद परिवीक्षाधीन 25 उप पुलिस अधीक्षक तथा 21 उप निरीक्षक विधिवत रूप से मध्यप्रदेश पुलिस की मुख्य धारा में शामिल हो गए।
गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सभी प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा दीक्षांत समारोह अर्थात दीक्षा, दीक्षा का अर्थ होता है किसी की दी हुई इच्छा। समाज व सरकार की दी हुई इच्छा है कि आप एक स्वस्थ समाज का निर्माण करे अपराधों पर अंकुश लगाये। दीक्षांत परेड में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों के जोश व जज्बे को देखकर हमें भरोसा हो गया है कि आप सब सरकार की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और जनता को बेहतर सेवाएँ देने में सफल होंगे। साथ ही प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों का आह्वान किया कि बेहतर पुलिसिंग कर मध्यप्रदेश पुलिस का नाम रोशन करें और मध्यप्रदेश की तरक्की में सहभागी बनें।
उन्होंने कहा कि 2003 के बाद मध्यप्रदेश में हमारी सरकार है, जिस समय हम सरकार में आये थे, उस समय कानून व्यवस्था लचर थी। चारों ओर अपराधिक तत्वों का बोलबाला था। मालवांचल में सिमी सर उठा रहा था। गडरिया गिरोह चम्बल में सकिय था, विध्य में ठोकिया। आदिवासी अंचलों में नक्सल सर उठा रहा था। यहाँ तक की सरकार के मंत्री की हत्या कर दी। इन सब संगठित गिरोह का सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति से समाप्त किया। आज मध्यप्रदेश में कोई भी गिरोह सक्रिय नहीं है। हमने नक्सलियों की धर-पकड़ करने वाले 84 पुलिसकर्मियों को कम से पूर्व पदोन्नत किया है। यह हमारी दृढ़ इच्छा शक्ति को दर्शाता है।
डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा जब जब सरकार को लगता है, तब तब सरकार कठोर से कठोर कानून बनाती है दुर्भाग्य से हमारा प्रदेश महिला अपराधों की दृष्टि में प्रथम है, जिसे बदलना आवश्यक है। हमने धर्म स्वतंत्र विधेयक (लव-जिहाद) जैसे कानून बनाये है व ऑपरेशन मुस्कान भी प्रारंभ किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने अपराधियों के मन में भय पैदा किया है। अपराध करने वालों की सम्पत्ति नेस्तनाबूत की कार्यवाही हमारी सरकार ने की है। आज अपराधियों के मन में खौफ है।
गृह मंत्री ने इस अवसर पर जानकारी दी कि कोरोना के अवधि में पुलिस द्वारा उत्कृष्ठ कार्य किया गया, जिसमें 39,185 पुलिस कर्मियों को कोरोना योद्धा पदक से सम्मानित किया गया है। इसी प्रकार पुलिस की आवास समस्या के निराकरण के लिये 2756 आवास निर्मित किये जा चुके है तथा 1200 आवास शीघ्र निर्मित होकर प्राप्त होंगे। पदोन्नति की समस्या के निराकरण के लिये हमारे द्वारा कार्यभार व्यवस्था प्रारंभ की गई है, जिसका अनुकरण अन्य विभाग भी करना चाह रहे है। अपराध एक स्वस्थ समाज में नासूर है, जिसे ठीक करने की जिम्मेदारी आपके कंधो पर है। अपराध के लगातार बदलते स्वरूप के कारण तकनीकी योग्यता भी आवश्यक है।
सोमवार की सुबह हल्की सर्दी के साथ निकली तेज चमकदार धूप और पुलिस ब्रास व पाइप बैंड की मधुर धुन के बीच निकली दीक्षांत परेड में पुरुषों के साथ-साथ महिला उप पुलिस अधीक्षकों का जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा था। दीक्षांत परेड का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक श्री राहुल सैयाम ने किया। परेड टू आई सी की भूमिका श्री हर्ष नागले ने निभाई।
मध्यप्रदेश पुलिस प्रशिक्षण अकादमी भोपाल में एक वर्ष के कठिन प्रशिक्षण में तपकर निकले कुल 25 उप पुलिस अधीक्षक तथा 21 उप निरीक्षकों ने दीक्षांत परेड में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को साक्षी मानकर ली गई देश भक्ति व राष्ट्र सेवा की शपथ और दीक्षांत परेड के बाद ये सभी मध्यप्रदेश पुलिस का हिस्सा बन गए। मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के उप निदेशक श्री मलय जैन ने सभी प्रशिक्षुओं को शपथ दिलाई।
आरंभ में जब मध्यप्रदेश पुलिस का ध्वज लेकर निशान टोली गुजरी तो सभी ने खड़े होकर सैल्यूट किया। इसी तरह दीक्षांत परेड का भी करतल ध्वनि के साथ स्वागत किया गया। मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के उप निदेशक श्री मलय जैन ने प्रशिक्षण का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
अंत में मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षण में उत्कृष्ट रहे प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को शील्ड व प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री के पदक से सम्मानित पुलिस अधिकारियों को भी सम्मान पदक सौंपे।
समारोह में इनकी भी रही मौजूदगी
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अशोक अवस्थी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कल्याण श्री विजय कटारिया सहित अन्य वरिष्ठ
पुलिस अधिकारी गरिमामयी दीक्षांत समारोह के साक्षी बने। साथ ही प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों के परिजन भी उत्साहवर्धन के लिए पहुंचे थे। कार्यक्रम का संचालन श्री मदन मोहन समर ने किया।
इन्हें मिले पुरस्कार
मुख्य अतिथि ने सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी का पुरस्कार संयुक्त रूप से उप पुलिस अधीक्षक सुश्री आरती शाक्य एवं उप निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह को प्रदान किया। इनके अलावा परेड कमांडर श्री राहुल सैयाम व परेड टूआईसी श्री हर्ष नागले को भी प्रथक से सम्मानित किया गया। अंत में 11 प्रशिक्षण संस्थाओं की वेबसाइट्स एवं ऑनलाईन लर्निंग मेनेजमेंट सिस्टम का लोकापर्ण भी किया गया। प्रोफेसर चंद्रप्रभा जैन द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। साथ ही उन्हें केन्द्रीय गृह मंत्री पदक से भी सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट-रावेंद्र त्रिपाठी भोपाल